UGC Defaulter University List 2025: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) बड़े पैमाने पर कार्रवाई कर रहा है जिसमें उसने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के साथ ही राज्य के 37 विश्वविद्यालय को डिफाल्टर सूची में डाल दिया है और इन्हें दो हफ्तों का अल्टीमेट भी दे दिया है आयोग ने कहा है विश्वविद्यालय को दो हफ्तों के अंदर अपनी वेबसाइट पर जरूरी जानकारी डालनी होगी अगर यह नहीं करते हैं तो उनकी मान्यता, कोर्स और डिग्री प्रोग्राम पर रोक लगा दी जाएगी यूजीसी के सचिव मनीष जोशी ने इन विश्वविद्यालय के नाम जारी किए हैं।
इन विश्वविद्यालयों को किया गया है शामिल
इस सूची में उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित अग्रवन हेरिटेज विश्वविद्यालय और देहरादून का माया देवी विश्वविद्यालय शामिल किया गया है इसके अलावा सूची में मध्य प्रदेश के 20 विश्वविद्यालय को शामिल किया गया है इसमें अन्य राज्य जैसे गुजरात में 6, मणिपुर, सिक्किम, झारखंड और उत्तराखंड में तीन-तीन विश्वविद्यालय को शामिल किया गया है वही छत्तीसगढ़ और कर्नाटक में दो-दो और बिहार, गोवा, असम, महाराष्ट्र और राजस्थान में एक एक विश्वविद्यालय को इस डिफॉल्टर लिस्ट में डाल दिया है।
किस कारण बनाया गया है डिफॉल्टर?
यूजीसी ने बताया है कि विश्वविद्यालय को कई बार नोटिस भेजने के बाद भी यह आवश्यक विवरण वेबसाइट पर अपलोड नहीं कर रहे हैं और ना ही ये संस्थाये नियमों का पालन कर रही हैं इस वजह से छात्रों और अभिभावकों को दाखिले के समय पर सही जानकारी नहीं मिल पाती है जैसे की पाठ्यक्रम विवरण, शुल्क, प्रवेश प्रक्रिया आदि कई छात्र इसकी शिकायत कर चुके हैं कि उन्हें लुभावनी और भ्रामक जानकारी देकर प्रवेश दिलाया जाता हैं इस परेशानी को दुर करने के लिए इन वेबसाइडों की समीक्षा की जानी है इसका कई बार नोटिस भी भेजा जा चुका है।
छात्रों और उनके पेरेंट्स को होगा इसका बड़ा फायदा
इस प्रक्रिया के बाद से छात्रों और उनके पेरेंट्स को बड़ा फायदा होने वाला है यह लंबे समय से इसमें सुधार देखना चाह रहे थे उनकी इच्छा थी कि उच्च शिक्षा संस्थाएं पारदर्शी होनी चाहिए और प्रवेश और पाठ्यक्रम संबंधी सभी जानकारी समय-समय पर सही प्राप्त होती रहे इस कार्रवाई के बाद से इन्हें भविष्य में विश्वविद्यालय से गलत, भ्रामक और अधूरी जानकारी से बचाव होगा।
इन पर हो सकती है बड़ी कार्रवाई
यूजीसी ने उन सभी विश्वविद्यालय को साफ-साफ नोटिस दे दिया है कि 2 हफ्ते के अंदर ही अपनी वेबसाइट पर सभी जरूरी जानकारी अपलोड कर दें अन्यथा डिग्री और पाठ्यक्रम का संचालन पर भी रोक लगाई जा सकती है।